कर्म ही हमारा भाग्य है | Hindi Motivational Story | कहानी

0
1239
हमारा कर्म ही हमारा भाग्य है - Hindi Motivational Story | कहानी
सुविचार-इमेजेज-हमारा-कर्म-ही-हमारा-भाग्य है-Hindi-Motivational-Story

हमारा कर्म ही हमारा भाग्य है
Hindi Motivational Story | कहानी

जीवन के हर कदम पर

हमारी सोच, हमारे बोल    

हमारे कर्म ही

हमारा भाग्य लिखते हैं…!

एक बार एक धनवान भक्त मंदिर में पहुँचता हैं. उसके पैरों में नये जूते थे

और वह जूते काफी महँगे होने से वह भक्त सोचता है कि अब मै क्या करूँ…?

अगर मै जूते बाहर उतार कर अंदर गया तो जरूर कोई ना कोई उठा ले

जाएगा… और इसी डर से अंदर पूजा में मेरा मन भी नहीं लगेगा…

सारा ध्यान जूतों पर ही रहेगा.

सुंदर विचार – हिंदी सुविचार – Good Thoughts In Hindi On Life

सोचते सोचते उसका ध्यान मंदिर के बाहर बैठे एक भिखारी पर जाता है.

वह धनवान भक्त उस भिखारी से कहता है… भाई साहब, जब तक मैं पूजा

करके वापस वापसी नहीं आता… तब तक क्या आप मेरे जूतों का ध्यान

रखोगे…?  भिखारी हाँ बोलता है.

अंदर में पूजा करते समय वह धनवान भक्त सोचता है कि… हे परमेश्वर…

हे प्रभु… दयानिधान…. आपने यह कैसी असंतुलित दुनिया बनाई है…?

किसी को इतनी संपत्ति दिए कि… वह अपने पैरों में भी महँगे जूते पहनता

है…! और किसी को अपना सिर्फ अपना पेट भरने के लिये भीख तक

माँगनी पड़ती है…! कितना अच्छा होता कि… सभी इंसान एक समान

हो जायें…!

हमारा कर्म ही हमारा भाग्य है
Hindi Motivational Story | कहानी

वह धनवान भक्त फैसला करता है कि, जब वह बाहर जाकर उस भिखारी

से अपने जूते वापस लेते हुए उसे 200 का एक नोट जरूर देगा.

जब बाहर आकर वह धनवान भक्त देखता है कि, वहाँ ना तो वह भिखारी

है… और ना ही उसके जूते महंगेवालें जूते…

धनवान भक्त अपने आपको ठगा सा महसूस करता है. फिर भी वह कुछ

देर उस भिखारी की प्रतीक्षा करता है कि… हो सकता है… भिखारी किसी काम

से कहीं चला गया हो, लेकिन भिकारी बहुत देर तक प्रतीक्षा करने पर भी नहीं

आता…! फिर धनवान भक्त दु:खी मन से नंगे पैर ही घर के लिये निकल जाता है.

थोड़ी दूर चलने पर रास्ते में फुटपाथ पर देखता है कि एक व्यक्ति जूते चप्पल

बेच रहा है. धनवान भक्त एक जोड़ी चप्पल खरीदने की सोचकर वहाँ पहुँचता है…

परंतु वो यह देखता है कि उसके जूते भी वहाँ बेचने के लिए रखे हैं…! तो वह आश्चर्य

में पड़ जाता है…! फिर वह उस फुटपाथ वाले को जोर देकर उससे जूतों के बारे

में पूछता है. तो वह व्यक्ति बताता है कि… एक भिखारी उन जूतों को 200 रु. में

बेच गया है.

धनवान भक्त थोड़ी देर वहीं खड़ा रहकर कुछ सोचता है और मन ही मन मुस्कराते

हुये… बगैर चप्पल ख़रीदे नंगे पैर ही घर के तरफ निकल जाता है…! उस दिन

धनवान भक्त को उसके कई सवालों के जवाब मिल गये थे…!

कभी भी समाज में एकरूपता नहीं आ सकती…! क्योंकि हमारे कर्म भी कभी एक

समान नहीं हो सकते. और मान लो जिस दिन ऐसा हो गया उस दिन समाज और

इस जग की सारी विषमतायें समाप्त हो जायेंगी.

हर एक मनुष्य के भाग्य में परमेश्वर ने लिख दिया है कि… किसे कब

और कितना मिलेगा. लेकिन यह नहीं लिखा कि वह कैसे मिलेगा. यह हमारे

कर्म ही तय करते हैं.

जैसे कि भिखारी के लिये उस दिन तय था कि उसे 200 रु. मिलेंगे. लेकिन

कैसे मिलेंगे यह उस भिखारी ने अपने कर्म द्वारा तय किया.

हमारे कर्म ही हमारा भाग्य, यश, अपयश, लाभ, हानि, जय, पराजय,

दुःख, शोक, लोक, परलोक तय करते हैं. हम इसके लिये परमेश्वर को दोषी

नहीं ठहरा सकते है.

हमारा कर्म ही हमारा भाग्य है
Hindi Motivational Story | कहानी

हमारा कर्म ही हमारा भाग्य है - Hindi Motivational Story | कहानी
हमारा कर्म ही हमारा भाग्य है – Hindi Motivational Story | कहानी

ना झुकाने का शौक है…

कुछ एहसास दिल से जुड़े हुए हैं…

बस्स…

उन्हें निभाने का शौक है…!

मदत-help-सुविचार-इमेजेज-हमारा-कर्म-ही-हमारा-भाग्य है-Hindi-Motivational-Story-कहानी-हिंदी-सुविचार
मदत-help-सुविचार-इमेजेज-हमारा-कर्म-ही-हमारा-भाग्य है

किसी की मदद करने के लिए

धन की नहीं…

एक अच्छे मन की

आवश्यकता होती है…!

सुविचार-इमेजेज-हमारा-कर्म-ही-हमारा-भाग्य-है-Hindi-Motivational-Story-कहानी-हिंदी-सुविचार
सुविचार-इमेजेज-हमारा-कर्म-ही-हमारा-भाग्य-है.

ताकत की जरूरत तभी होती है…

जब कुछ बुरा करना हो…

वरना दुनिया में सब कुछ

पाने के लिए प्रेम ही भी है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here