दिल छूनेवाली घटना | Heart Touching Incident | सुंदर विचार
गांधीधाम से ट्रेन जैसे ही धीरे धीरे चलने लगी एक बुजुर्ग दम्पति एक हाथ में पेटी और
एक कपडे का थैला लिए Reservation वाले डब्बे के अंदर आ गये.
दरवाजे के पास वाले बेसींग के बाजु में बुजुर्ग बाई बैठ गयी. लेकिन आदमी के चहरे पे
एक अनजानासा डर था, और वो वैसे ही खड़ा रहा.
कुछ देर बाद गाड़ी फुल स्पीड से चलने लगी, टीसी टिकट चेक करते हुवे बुजुर्ग दम्पति के पास
जैसे ही गया, उसने अपनी जेब से जनरल का टिकट दिखाते हुवे अपने दोनों हाथ टीसी के
सामने जोड़ दिए.
जनरल का टिकट देखते ही टीसी जोर से बोला, ये जनरल का टिकट और तुम रिज़र्वेशन के
डब्बे में बैठ गए हो, अगला स्टेशन बचाव है, जैसे ही गाड़ी रुकेगी तुम जनरल के डब्बे में
चले जाना, वरना एक हजार की पेनाल्टी लगेगी, ये बोलके टीसी दुसरे डब्बे में चला गया.
ये दम्पति अपने बड़ी बेटी के घर जा रहे थे, दो साल पाहिले शादी हुयी थी और अभी वो
लगभग एक साल से बेटी के घर नहीं गए… नाही, बेटी मायके आई थी.
अभी चार दिन पाहिले बेटी के तरफ पहिला बेटा हुवा है, उसी नाती को देखने दोनों
पति – पत्नी बेटी के घर जा रहे थे.
दिल छूनेवाली घटना | Heart Touching Incident | सुंदर विचार
मिल मालक ने बड़ी मुश्किल से दो दिन की छुट्टी और एक हजार रूपये एडवांस दिए थे,
मै उनसे बात कर रहा था, तभी टीसी वापस जा रहा था, जाते जाते कड़क शब्दों में फिर
सुचना दी की अगले स्टेशन पे जरूर उतर जाना,
मैंने टीसी को रोका और उन्हें विनंती की, सर बुजुर्ग आदमी है, सामान की पेटी और
ये थैला लेकर चाहते हुवे भी ये लोग जनरल डिब्बे में नहीं चढ़ सके,इसीलिए न चाहते हुए
मजबूरी में ये डिब्बे में चले आये,
तभी बुजुर्ग आदमी बिच में बोला, साहब मै ये सामान और अपनी पत्नी के साथ जनरल डिब्बे में
नहीं चढ़ सकता बहोत भीड़ है, मै यही कोने में खड़ा रहूँगा, बड़ी मेहरबानी होगी आपकी,
सुबह सुबह नडीयाल स्टेशन आएगा वहा उतर जाऊंगा साहब.
विनती करते हुए टीसी की तरफ दो सौ का नोट बढ़ाते हुए कहा, टीसी बोला दो सौ में कुछ
नहीं होता, एक हजार निकालो वरना उतर जाओ, पत्नी बोली साहब नाती को देखने जा रहे है
गरीब आदमी है साहब, इतने पैसे नहीं है हमारे पास, जाने दो ना साहब, ऐसा करो फिर
पाच सौ निकालो.
दिल छूनेवाली घटना | Heart Touching Incident | सुंदर विचार
एक पेनाल्टी की रसीद बना देता हूँ, यही पे दोनों बैठे रहो, साहब… रसीद रहने दो, दो सौ रुपये
की नोट बढ़ाते हुए पति बोला, नहीं ये नहीं चलेगा, पेनाल्टी तो बनानी पड़ेगी,
टीसी डाटते हुए बोला जल्दी से पाच सौ निकालो, मेरा समय ख़राब मत करो, स्टेशन भी आ
रहा है, उतरकर जनरल डब्बे में चले जाव, उस बुजुर्ग आदमी ने पाच सौ रूपये टीसी को दिए,
आजू बाजु के कुछ यात्री जमा हो गए, टीसी और बुजुर्ग की बातो का मजा ले रहे थे, ऐसा मानो
उसने टीसी को पाच सौ नहीं… अपना दिल निकल कर दिया हो…!
बुजुर्ग दम्पति उदास होकर बैठ गए, मन ही मन रोने लगे, दोनों एक दुसरे के तरफ देख रहे थे,
कुछ देर बाद पत्नी बोली, अब वापस कैसे आयेंगे, क्या जवाई को पैसे मांगना पड़ेगा.
आदमी बोला नहीं – नहीं, दो सौ मै ज्यादा ही लाया था,
हम बेटी के घर पैदल ही जायेंगे, आते वक़्त लोकल गाड़ी से आयेंगे, और उस दिन शाम को खाना
नहीं खायेंगे, इसमें दो सौ रूपये दो एडजस्ट हो जायेंगे, लोकल से आयेंगे तो एक दिन की छुट्टी
ज्यादा होगी.
मालक जरूर दो बात सुनाएगा, अपने नाती के लिए इतना तो सह लूँगा, और हाँ हमने जो नाती
को दो-दो सौ देने का सोचा था ना…! अब हम दोनो मिलकर दो सौ रूपये देंगे, इस तरह
चार सौ एडजस्ट हो गए, पत्नी के आँखों से आंसू टपक रहे थे, ये देख पति की आँखे भी
छलक पड़ी.
दिल छूनेवाली घटना | Heart Touching Incident | सुंदर विचार
भरे हुए गले से पति बोला, मन छोटा मत कर, जब हम बेटी को घर लायेंगे तब नाती को
दो सौ रूपये ज्यादा दे देंगे, पत्नी रोने लगी और रोते रोते कह रही थी….
इतना सुनती हु की ट्रेन को सरकार डिजिटल कर रही है.
डिब्बे में इंटरनेट है, हर स्टेशन में इंटरनेट, इसके साथ साथ एक दो डिब्बे
और जनरल के भी लगा देते तो… हम जैसे गरीब लोगो को टिकट होते हुवे भी
यु टीसी के सामने हाथ न जोड़ने पड़ते… और नाहीं अपमानित
होना पड़ता, न हमें भूका रहना पड़ता, न हमारे नाती को कम पैसे देना पड़ता.
दोनों की आँखे छलक रही थी, पति खुद की आँखे पोछते हुए बोला, अरी पगली….
हम गरीब आदमी हैं….. हमारा काम सलाह देने का नहीं… सरकार अच्छा जरूर
कर रही है, लेकीन बड़े लोगो की जरूरत को पूरा करते हुए ये भी सोचना
चाहिए की एक इस देश में हम जैसे गरीब भी यात्रा करते हैं.