नजरिया | Good Thoughts in hindi | हिंदी सुविचार

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नजरिया - Good Thoughts in hindi - हिंदी सुविचार - Hindi Suvichar - VB Thoughts

नजरिया – Good Thoughts in hindi ,
हिंदी सुविचार – Hindi Suvichar 

 
नजरिया - Good Thoughts in hindi - हिंदी सुविचार - Hindi Suvichar - VB Thoughts
नजरिया – Good Thoughts in hindi – हिंदी सुविचार – Hindi Suvichar – VB Thoughts 
 

एक लड़के की हाल में शादी हुई थी, और वो शहर में एक किराये के मकान में रहता था. 

लगभग 20 25 दिन शादी होने से अपने गाँव में रुका था, शादी के बाद पहली बार वो 

अपनीपत्नी के साथ इस मकान में पहुंचा. शाम हो चुकी थी.

 

अगले दिन सुबह जब वो दोनों चाय पी रहे थे तभी पत्नी की नजर सामने वाले घर के छत 

पे सुख रहे कपड़ो पे जाती है, उन कपड़ो को देखकर पत्नी अपने पति से बोली…

देखो जरा… उस छत पर सुख रहे कपडे धोने के बाद भी, कितने गंदे ही लग रहे है…

मानो कपडे की धुलाई ही न हुई हो…

मुझे लगता है… इन लोगो को कपड़ो की सफाई करना नहीं आता है.

 

पति ने एक नजर कपड़ो पर घुमाई और कुछ न बोलते हुए, हा में गर्दन हिला दी.

कुछ दिनों बाद फिर उस छत पे कपडे सुख रहे थे, पत्नी की नजर जाते ही फिर वो 

अपने पति से बोली… देखो जरा… क्या इन लोगो को कपडे धोना नहीं आता होगा… 

कैसे ये लोग कपडे साफ़ करते है…

इनके साफ किये हुए कपडे, लगते नहीं की साफ़ किये है…

इस बार भी उसका पति कुछ नहीं बोला और अपनी गर्दन हिला दी.

इसके बाद तो हमेशा का ही हो गया… जब भी सामनेवाली छत पे कपडे सूखते हुवे 

दिखाई देते तो पत्नी उन कपड़ो को देखकर जरूर कुछ ना कुछ भला बुरा कहती…

पति चुपचाप सुनता और उसको बुरा न लगे इस हिसाब से अपनी गर्दन हा में हिला देता.

लगभग 20 25 दिनों बाद वे दोनों ऐसे ही रोज की तरह बैठकर चाय का मजा ले 

रहे थे तभीपत्नी की नजर सामने वाले घर की छत पर गयी. 

छत पे कपडे सुख रहे थे, कपड़ो की तरफ देखा और जोर से बोली… देखो जरा…

वाह वाह… लगता है इन्हें कपडे धोना आ गया…. देखो…. कपडे कितने साफ़ धोए है… आज… 

मुझे लगता है… सोसायटी में से किसी ने जरूर इन्हें टोका होगा… 

तब उनमे ये सुधार आया है.

नजरिया – Good Thoughts in hindi

हमेशा हाँ में अपनी गर्दन हिला ने वाला पति आज बोला…

नहीं – नहीं उन्हें किसी ने नहीं टोका.

पत्नी बोली… तुम्हे ये कैसे पता है…

एकदम आश्चर्यचकित होकर के पूछा.

मुझे आज ऑफिस में छुट्टी है, देर तक सोना था लेकिन, मेरी नींद सुबह जल्दी खुल गयी

और बाद में मुझे नींद नहीं आ रही थी, तो मै यहाँ आया और बैठे बैठे अपनी इस 

खिड़की के कांच को गिले कपडे से बाहर से

अच्छे से साफ़ कर दिया. जिसमे बहुत धुल लगी थी…!

इसलिए आज तुम्हे सामने वाली छत पे सुख रहे कपडे बिलकुल साफ़ नजर आ रहे है.

वास्तव में कपडे हमेशा साफ़ ही रहते थे, हमारे ख़राब कांच की वजह से वो तुम्हे 

धुले हुए कपडे बगैर धुले लगते थे.

नजरिया – Good Thoughts in hindi

मित्रो…

हमारे जीवन में भी यही होता है… अक्सर हमारा दूसरों को देखने का नजरिया क्या है…
इस पर ये निर्भर करता है की हम स्वयं अन्दर से कितने साफ़ हैं. किसी के बारे में 
भला – बुरा कहने से पहले हमें अपनी मनोस्थिति भी देख लेनी चाहिए और खुद से सवाल 
करना चाहिए की.. क्या हम सामने वाले में कुछ बेहतर देखने के लिए तैयार हैं
या अभी भी हमारी खिड़की गंदी ही है…!
कहानी कैसी लगी कमेंट जरुर बताएं और ज्यादा से ज्यादा शेयर कर के औरो को भी पढवाएं.
|| धन्यवाद ||

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