एक प्यारा रिश्ता साझेदारी का | Sunder Vichar | suvichar Hindi

Life Quotes In Hindi | जिंदगी सुविचार इन हिंदी – सुविचार
शादी के पंद्रहसाल बाद एक दिन रात का खाना खाते हुए शैलेश को
महसूस हुवा की आज खाने का स्वाद ठीक नहीं है.
खाना बाहोत ही बेस्वाद बना है.
सब्जी में नमक कम तो है ही, साथ ही मिर्ची भी बहुत ज्यादा
हो गयी है, सब्जी पूरी पकी भी नहीं है, चावल भी नहीं पका है.
आज प्रिया को क्या हुवा…? तबियत तो ठीक होगी…
ये सोचते हुए शैलेश ने प्रिया की और देखा.
शैलेश के साथ ही बैठकर खाना खाती प्रिया के भी
समझ में आ चुका था… आज खाना ठीक नहीं बना है…!
प्रिया एकदम डर गई… उसे लगा अब शैलेश को जरूर गुस्सा आ गया है,
वो मुझे भला बुरा कहेगा ही, इसीलिए प्रिया निचे सर करके धीरे से उठ कर
रसोई में चली गई. और धीरे धीरे बर्तन साफ करने में लग गई.
तभी शैलेश भी रसोई में आया और पीछे से पकड़कर प्रिया को
कसकर बाहों में भर लिया.
प्रिया कुछ समझ पाती उसके पहले ही उसे पलटकर माथा चुमने लगा.
और धीरे से उसके कान में बोला…
मै तुमसे बहोत प्यार करता हु प्रिया…!
I Love You… Love You.
एक प्यारा रिश्ता साझेदारी का | Sunder Vichar | suvichar
शैलेश के इस व्यहार से प्रिया एकदम हैरान रह गई…
और बोली… माफ़ करना शैलेश आज वो खाना…
मगर ये क्या…!तुम गुस्सा होने के बजाय…
ये प्यार… ऐसा क्यों…?
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है.
शैलेश – तुम जानती हो प्रिया…!
आज ये कच्चा – पक्का खाना बनाकर तुमने मुझे अपनी
नई नई शादी वाले
दिन याद दिला दिए…
धन्यवाद….
उन दिनो तुम्हें ठीक से खाना नही बनाना आता था…
कैसे मै भी चुपचाप खाना खा लेता…
तो मुझे आज लगा क्यों ना उन्हीं दिनो की तरह
तुम्हें नई दुल्हन जैसा मानकर तुम्हे प्यार किया जाए
इसीलिए तुम्हें प्यार किया और चूमा…
अगर तुमको बुरा लगा हो तो….
प्रिया की आँखे भर आई और वो शैलेश से लिपट गई.
शैलेश प्रिया को समझाते हुए बोला…
पगली हम दोनो एक दूसरे के साझेदार है…
चाहे वो खुशियों हो या गम.
हमें हर हाल में एक दूसरे की कमियों को पूरा करते रहना है.
यही तो असली प्यार है पति पत्नियों का…! चलो छोड़ो….
अच्छा अब बताओ क्यां परेशानी है तुम्हे…. खुलकर….
निसंकोच होकर बोलो.
प्रिया – हमने जो भाग कर शादी की थी जिससे पापा तुमसे
बहोत नाराज थे… बहुत भला बुरा कह कर रिश्ता भी
खत्म कर लिए था पापा ने.
शैलेश आज मुझे पता चला है की मेरे पापा
अस्पताल मे भर्ती है …
इतना कह कर प्रिया जोर से रो पडी
शैलेश – अरे पगली ये तुम अब बता रही हो…
अभी चलो देखने उन्हें.
प्रिया – मगर शैलेश उन्होंने तुम्हारी बहोत बेइज्जती की थी…!
प्रिया – मगर शैलेश उन्होंने तुम्हारी बहोत बेइज्जती की थी…!
शैलेश– अरे बेवकूफ…
ऐसे समय मे ये सब नही सोचा करते.
वो हमारे बडे है… वडिलधारी है…
गुस्से में कुछ कह भी दिया तो क्या हुआ…?
अब तुम ये अगर मगर छोड़ो और चलो…
जल्दी करो क्या पता… कैसी जरूरत हो
मैं कुछ पैसे निकालता हूं..
मैं कुछ पैसे निकालता हूं..
दोनों तुरंत अस्पताल के लिए निकल गए.
मित्रो…
कितनी अच्छी सोच है पति पत्नी मे…
अगर किसी में कुछ कमी हो जाए..
या कुछ गलती हो जाये तो…
उस पर गुस्सा.. भला बुरा कहने की बजाय
या उसकी बुराई करने की बजाय उसकी
अच्छाई याद करके… उससे प्यार करके बातों को
सुलझा लेना…
यही तो एक प्यारा रिश्ता है…. साझेदारी का…
Very nice