माँ दुनिया का वो अस्तित्व है…
जिनके पैरों के नीचे… स्वर्ग होता है.
Hindi Motivational Story – माँ के चरण
सुबह के समय एक २३ से २४ साल लड़का शहर से अपने गाँव जाने के लिए
निकलता है… अपने गावं की बस पकड़ने से पहले वो एक चप्पल की दुकान
पर जाता है…
दुकानदार अपनी दुकान खोल ही रहा होता है… वो लड़के को थोड़ी देर बैठने को
कहता है… लड़का के अंदर की एक खुर्ची पर बैठ जाता है.
दुकानदार उसके पैरो की और देखता है… लडके ने लेदर के काले जूते पहने
हुए थे… जूते नए ही थे और चकाचक पॉलिश किये हुए थे…
थोड़ी देर बाद दुकानदार – बोलो बेटा क्या दिखावू… जूता या चप्पल…?
लड़का बोला – एक जोड़ी चप्पल चाहिए लेकिन मजबूत और टिकाऊ
होनी चाहिए…
दुकानदार – कितने नंबर का चप्पल तुम्हारे पैरो में आता है…?
लड़का बोला – चप्पल मेरी माँ के लिये चाहिये…
माताजी आई हैं क्या…?
लड़का – नहीं… माँ गाँव में है..
दुकानदार – फिर उनके पैरो का नाप लगेगा… तुम्हे पता है नाप…?
Hindi Motivational Story – माँ के चरण
लड़के ने अपने अपने पर्स से एक चार घडी किया हुवा एक कागज निकालकर
दूकानदार को दिखाते हुए बोला ये मेरे माँ के पैरो का नाप है…
दुकानदार थोडा चकित हुवा… उस कागज पर पॉव दोनों पाँव की पेन से
बाहर बाहर लाइन बनाई थी…
दुकानदार ने लड़के के चेहरे की और देखा तो लड़के ने अपना सर नीचे कर
दिया और भरे गले से दुकानदार से बोला…
आपको क्या नाप बताऊं जी…?
मेरी माँ ने आज तक अपने पुरे जीवन में कभी भी चप्पल नहीं पहनी…
मेरी माँ मजदूर है… मेहनत कर – करके मुझे पढ़ाया… अब मुझे पढ़ने के
इस शहर में नौकरी लगी है. मुझे पहला पगार हुवा है और मै दिवाली को
अपने गाँव जा रहा हु… सोच रहा था माँ के लिए शहर से क्या लेकर जाऊं…?
तो मन में आया कि अपनी पहली पगार से माँ के लिये एक जोड़ी चप्पल
खरीद लूँ…!
दुकानदार ने अच्छी मजबूत चप्पल दिखाई…. जिसकी कीमत आठ सौ रुपये थी.
चलेगी क्या…? उत्साहित लड़का उस कीमत के लिये तैयार था…
दुकानदार ने सहज ही पूछ लिया… कितना पगार मिलता है तुझे…?
अभी तो बारह हजार मिले है… रहना और खाने में सात-आठ हजार खर्च
हो गए है…! और तीन हजार माँ के लिये बचाए है…!
अरे…! फिर आठ सौ रूपये… कहीं ज्यादा तो नहीं हो रहे है…?
लड़का बोला – नहीं… नहीं… कुछ नहीं होता…! आप दीजिये…
दुकानदार ने चप्पल का बॉक्स पैक कर दिया. लड़के ने पैसे दिये और
ख़ुशी-ख़ुशी दुकान से बाहर निकला… तभी दुकानदार ने आवाज लगाई…
थोड़ा रुको…!
Hindi Motivational Story – माँ के चरण
दुकानदार ने लड़के हाथ में एक और बॉक्स दिया, और बोला…
यह चप्पल माँ को देना और बताना तेरे इस भाई की ओर से गिफ्ट….
और माँ को बताना… अगर पहली चप्पल की जोड़ी ख़राब हो जायें तो…
दूसरी जोड़ी पहन लेना…
नँगे पैर नहीं घूमना… इसे लेने से मना मत करना…!
साथ ही दुकानदार ने दूसरी मांग करते हुए कहा…
मेरा उन्हें प्रणाम कहना… और क्या मुझे एक चीज़ दोगे…?
लड़का बोला – बोलिये जी…
वह कागज… जिस पर तुमने पैरों की लाइन बनाई थी….
वही कागज मुझे चाहिये…!
वह कागज़… दुकानदार के हाथ में देकर… लड़का ख़ुशी – ख़ुशी चला गया…!
दुकानदार ने वही घडी किया कागज़ लिया और अपनी दुकान के
पूजा घर में रख़ा…
दुकान के पूजाघर में उस कागज़ को रखते हुये… दुकानदार के बेटे ने
देख लिया था और बेटे ने ही पूछ लिया कि… ये क्या है पिताजी…?
दुकानदार ने एक लम्बी साँस लेकर अपने बेटे से बोला…
लक्ष्मीजी के पग लिये हैं बेटा…!
एक सच्चे भक्त ने उसे बनाया है… इससे धंधे में समृद्धि आती है…!
माँ तो इस संसार में साक्षात परमात्मा है…!
बस हमारी देखने की नजर और मन की सोच श्रृद्धापूर्ण होना चाहिये.
Hindi Motivational Story – माँ के चरण
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