जीवन के हर मोड़ पर
हम को वही करना चाहिये…
जो की हमसे…
हमारा दिल कहे.
क्योंकि…
दिमाग जो कहता है
वो मज़बूरी होती है…!
और दिल जो कहता है…!
वो मंजूरी होती है.
हिंदी प्रेरणादायक कहानी – Hindi Story
एक भिकारी ऐसा भी
नमस्कार मित्रों…
हमें कई बार ये लगने लग जाता है की, इस दुनिया में हम ही सबसे ज्यादा दुखी है…!
लेकिन इस दुनिया में कई लोग ऐसे भी है उनके दुःख के सामने हमारा दुःख
कुछ भी नहीं है…
उनके विपरीत परिस्तिथि के आगे हमारी परिस्तिथि कुछ भी नहीं है…!
आज एक ऐसी ही कहानी को पढ़ते है… जिसको पढ़कर आपको लगेगा की…
हमारा दुःख तो कुछ भी नहीं है…
एक डॉक्टर साहब हमेशा की तरह… एक मंदिर के परिसर के बाहर बैठे भिखारियों
का मुफ्त में स्वास्थ्य की जाँच कर रहे थे. स्वास्थ्य की जाँच हो जाने के बाद मुफ्त
में मिलने वाली दवाओं के लिए भी कुछलोग लाइन में लगे थे.
जाँच कर रहे डॉक्टर साहब का ध्यान दूर बैठे एक बुजुर्ग पर गया… वो एक
पत्थर के ऊपर बैठे थे. डॉक्टर साहब ने गौर से देखा तो उनके ध्यान में आया की,
वो बुजुर्ग वो भिखारी नहीं हैं…! उनके दाँये पैर का पंजा कटा हुआ है और पास ही
उनकी बैसाखी रखी हुई है.
फिर डॉक्टर साहब ने देखा की, मंदिर में आने – जाने वाले लोग उस बुजुर्ग को भी
कुछ दे रहे थे और वो उसे ले रहे है. फिर डॉक्टर साहब सोचने लगे की…
मेरा अंदाजा गलत था… वो बुजुर्ग तो भिखारी ही हैं.
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एक भिकारी ऐसा भी
उस भिकारी का साफ-सुथरा पहनावा और उनका अजब व्यवहार देखकर
डॉक्टर साहब को उत्सुकुता हुई और वो उस भिकारी की तरफ जाने लगे.
तभी वहा के कुछ लोगो ने डॉक्टर साहब को बताया की, आप उसके तरफ ना जाये…
वो तो पागल है…. आपको चोट पहुचायेगा…! लेकिन इन आवाजो कों अनदेखा करते हुए
वो उस बुजुर्ग के पास पहुच ही गए.
जैसे उस बुजुर्ग के पास गए तो इनको लगा की बाकि लोगो की तरह
मेरे सामने भी हाथ आगे करेंगे, लेकिन इनका अंदाजा गलत निकला.
डॉक्टर साहब ने उनको पूछा की, आपको स्वास्थ की कुछ परेशानी है क्या…
जवाब देने के लिए बुजुर्ग ने अपने बैसाखी का सहारा लेते हुए खड़ा हुवा और
डॉक्टर साहब को बोला… Good Aafternoon Doctor.
I Think… I May Have Some Eye Problem
In My Right Eye.
इतनी अच्छी अंग्रेजी सुनकर डॉक्टर साहब अचंभित हो गयें. फिर उन्होंने उनकी
आँखें देखीं. उनकी आँख में पका हुआ मोतियाबिंद था.
डॉक्टर कहा :- आपको मोतियाबिंद है बाबा.. ऑपरेशन करना पड़ेगा.
बुजुर्ग बोले :- Oh Cataract…? I Had Cataract
Operation In 2019 For My Left Eye In
Seven Star Hospital.
डॉक्टर बोले :- आप यहाँ क्या कर रहे हो बाबा…?
बुजुर्ग : मैं यहाँ तो, हर दिन ही डेढ घंटे भीख माँगता हूँ…!
डॉक्टर : Ok, परंतु क्यों बाबा…? मुझे तो आप बहुत पढ़े लिखे लग रहे हो.
बुजुर्ग हँसने लगे और हँसते हँसते ही बोले :- पढ़े लिखे…?
डॉक्टर ने कहा :- बाबा, आप मेरा मजाक उड़ा रहे हो…?
बाबा : – Oh no doctor… Why would I…?
Sorry if I hurt you…! really sorry….
डॉक्टर :- बाबा, हर्ट की बात नहीं है…! परंतु मेरी तो कुछ भी समझ में नहीं
आ रहा है…!
बुजुर्ग :- डॉक्टर… क्या करोगे समझकर भी…? ठीक है…. उधर चलो…
वहाँ बैठते है…
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इधर और थोड़ी देर युही बात करते रहे तो… यहाँ के देखनेवाले तुम्हे भी
पागल समजने लग जायेंगें. और फिर बुजुर्ग मुस्कुराने लगे…..
पास में ही एक सुनी जगह डॉक्टर और बुजुर्ग दोनों बैठ गए.
बुजुर्ग ने अंग्रेजी में ही बोलना शुरू किया…
Well Doctor… I am Mechanical Engineer….
मैं एक कंपनी में सीनियर मशीन आपरेटर था. एक नए ऑपरेटर को सिखाते हुए…
मेरा पैर मशीन में फस गया और ये बैसाखी हाथ में आ गई. कंपनी ने दवाईका सारा
खर्चा किया. बाद में कुछ रुपये दियें और घर पर बैठा दिया. लंगड़े बैल को कौन काम
पर रखता है…?
बाद में खुद का ही एक छोटा सा वर्कशॉप डाला. एक अच्छा घर लिया. मेरा बेटा भी
मैकेनिकल इंजीनियर है. वर्कशॉप को बड़ा किया और उसने एक छोटी कम्पनी डाली.
डॉक्टर चकित होकर बोला :- बाबा, तो फिर आप यहाँ, इस हालत में कैसे…?
बुजुर्ग :- मैं…? नसीब का शिकार… बेटे ने व्यापार को बड़ा करने के लिए…
कम्पनी और घर दोनों को हीं बेच दिया… बेटे की उन्नति के लिए मैंने कुछ भी नहीं कहा.
सब कुछ बेच बाचकर वो अमेरिका चला गया और हम बुड्ढा – बुड्ढी यहीं रह गए…!
ये बोलकर बाबा हँसने लगे… हँसना इतना भी करुणामय हो सकता है…
ये डॉक्टर ने पहली बार महसूस किया.
फिर डॉक्टर साहब बोले :- परंतु बाबा… आपके पास तो इतनी अच्छी कला है कि…
आप जहाँ लात मारोगे वही से पानी निकाल दोगे…! अपने कटे हुए पैर की तरफ
देखते हुए बुजुर्ग बोले :- लात…? कहाँ और कैसे मारूँ…
बताओ…?
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बुजूर्ग की बात सुनकर डॉक्टर साहब लज्जित हो गए और उन्हें काफी बुरा लगा.
डॉक्टर बोले :- मेरे बोलने का मतलब है की… आपको तो, आज भी कोई भी
नौकरी मील जाएँगी… क्योंकि आपके क्षेत्र में आपको इतने सालों का अच्छा
अनुभव जो है.
बुजुर्ग :- हाँ डॉक्टर… और इसी वजह से मैं एक वर्कशॉप में काम करता हूँ,
और वहां मुझे 10000 रुपये पगार मिलती है.
डॉक्टर साहब के तो कुछ समझमें ही नहीं आ रहा था.
डॉक्टर साहब बोले : बाबा… तो फिर आप यहाँ भीक क्यों मांग रहे हो…?
बुजुर्ग : डॉक्टर… बेटे के जाने के बाद मैंने एक छोटे से घर में किराए से रहता हूँ…
साथ में मेरी पत्नी है… उसे लकवा हो गया है. वह चल-फिर नहीं सकती.
मैं 9.30 से 5.30 तक नौकरी करता हूँ . शाम को 5.30 से 7.00 तक यहाँ भीख
माँगता हूँ और फिर घर जाकर तीनों के लिए खाना बनाता हूँ…!
डॉक्टर ने आश्चर्य पूछा :- बाबा… तो आपने अभी बताया कि… घर में आप अपनी पत्नी के
साथ में रहते हों…! फिर आप ऐंसा क्यों कह रहे हो की.. तीनों के लिए खाना बनाता हूँ…?
बुजुर्ग :- डॉक्टर… मेरे बचपन में ही मेरी माँ का देहांत हो गया था. मेरा एक खास दोस्त था…
उसकी माँ ने मुझे बचपन में अपने बेटे जैसे ही प्यार दिया और मुझे पाला… तीन वर्ष पहले
मेरे उस खास दोस्त का दिल का दौरा पड़ने से देहांत हो गया… तो मैंने मित्र की 90 साल की
माँ को अपने घर ले आया तब से वो भी हमारे साथ ही रहती हैं.
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डॉक्टर चकित रह गया… इन बाबा का तो स्वयं की ही हालत बुरी है… पत्नी भी अपंग है.
इनका स्वयं का एक पाँव नहीं…! खुद का घर भी नहीं….! जो घर था उसे भी बेटेने बेच दिया
और चला गया… और ये आज भी अपने मित्र की माँ की देखभाल करते हैं…!
ये कितने दिलेर औए साहसी व्यक्ति हैं…?
कुछ देर तो डॉक्टर शांत ही हो गए फिर उन्होंने साधारण सा सवाल किया…
बाबा…. आपके बेटे ने तो आपको रास्ते पर ला दिया… आपको ठोकरें खाने के लिए
छोड़ गया… कभी आपको बेटे पर गुस्सा नहीं आता…?
बुजुर्ग : नहीं.. नहीं… डॉक्टर… वो सब तो बेटे के लिए कमाया था….
जो बेटे का था…. वो बेटे ने ले लिया…! इसमें उसकी गलती कहाँ है…?
डॉक्टर बोले :- बाबा… लेकिन, लेने का भला, ये कौनसा तरीका हुआ…?
सबकुछ ले लिया… ये तो सरासर लूट हुई… और अब आपके यहाँ भीख माँगने का
कारण भी मेरी समझ में आ गया है बाबा… आपकी पगार के 10000 रुपयों सें
आप तीनों का खर्चा नहीं चल पाता… इसीलिए आप यहाँ आते हो…!
बुजुर्ग : नहीं डॉक्टर….10000 रुपए में मेरा गुजरा हो जाता है… लेकिन मेरे दोस्त की
जो माँ है, उन्हें, शुगर और ब्लडप्रेशर दोनों हैं… उनकी दोनों बीमारियों की दवाई
चल रही है… बस 10000 रुपए में उनकी दवाईयां नहीं हो पातीं…!
मैं देड घंटे यहाँ बैठता हूँ लेकिन भीख में पैसों के अलावा कुछ भी स्वीकार नहीं करता…
दवाई दुकान वाला उनकी महीने भर की दवाएँ मुझे उधारी में दे देता है और यहाँ
देड घंटे में जो भी पैसे मुझे मिलते हैं वो मैं हर दिन दवाई दुकान वाले को दे देता हूँ.
डॉक्टर उन्हें एकटक देखे जा रहा था… और मन मेही सोचने लगा की…
इन बाबा का बेटा इन्हें छोड़कर चला गया है और ये खुद किसी और की
माँ की देखभाल कर रहे हैं…! डॉक्टर काफी कोशिश कर के भी आंसूओं को
रोक नहीं पायें….
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भरे गले से डॉक्टर ने कहा :- बाबा… किसी दूसरे की माँ के लिए… आप यहाँ रोज
भीख माँगने आते हो…?
बुजुर्ग :- दूसरे की…? डॉक्टर…. मेरे बचपन में मेरे लिए उन्होंने बहुत कुछ किया है…
अब मेरी बारी है…! मैंने उन दोनों से कह रखा है कि… 5.30 से 7.00 तक का
मुझे एक और काम मिला है.
डॉक्टर मुस्कुराते हुये बोला : यदि उन्हें पता लग गया कि…. आप 5.30 से 7.00 तक यहाँ
भीख माँगते हो… तो…?
बुजुर्ग : उन्हें कैसे पता लगेगा…? दोनों तो बिस्तर पर ही हैं…! मेरी मदद के बिना वो दोनों
करवट तक नहीं बदल पातीं…! यहाँ कहाँ पता करने आएँगी…! और बुजुर्ग हसने लगा…
इसपर डॉक्टर को भी हँसी आ गई… लेकिन वो अपनी हँसी को छुपाते हुए बोला…
बाबा… अगर मैं आपकी माँ को अपनी तरफ से नियमित दवाएँ दूँ तो ठीक रहेगा ना….
फिर आपको भीख भी नहीं मांगनी पड़ेगी…!
बुजुर्ग :- नहीं नहीं डॉक्टर… आप भिखारियों के लिए काम करते हैं…
यदि मेरी माँ के लिए आप दवाएँ देंगे तो माँ भी तो भिखारी कहलाएंगी…!
मैं अभी सक्षम हूँ डॉक्टर… उनका बेटा हूँ मैं…. कोई मुझे भिखारी कहे तो
चलेगा… लेकिन माँ को भिखारी कहलवाना मुझे मंजूर नहीं…!
ठीक है डॉक्टर… अब मैं चलता हूँ… मुझे घर पहुँचकर खाना भी बनाना है….!
डॉक्टर ने विनती स्वरूप बाबा का हाथ अपने हाथ में लिया और बोला :-
बाबा, भिखारियों का डॉक्टर समझकर नहीं बल्कि अपना बेटा समझकर
मेरी दादी के लिए दवाएँ स्वीकार लीजिए…!
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बाबा ने अपना झटके से अपना हाथ छुड़ाया और बोले :- डॉक्टर….कृपया मुझे…
अब इस संबंध में मत बांधो…. एक हमें छोड़कर चला गया है,….
तुम आज मुझे सपना दिखाकर.. कल तुम भी मुझे छोड़कर चले गए तो…?
अब मुझमे बर्दाश्त करने की शक्ति नहीं रही….
ऐंसा कहकर बाबा ने अपनी बैसाखी सम्हाली… और जाने लगे… साथ ही
जाते हुए अपना एक हाथ डॉक्टर के सिर पर रखा और भरभराई….
ममतामयी…. आवाज में बोले :- मेरे बच्चे… अपना ध्यान रखना…
शब्दों से तो उन्होंने डॉक्टर द्वारा पेश किए गए संबंध को ठुकरा दिया था…
परंतु बुजुर्ग ने डॉक्टर के सिर पर रखे उनके हाथ के गर्म स्पर्श ने बताया कि….
मन से उन्होंने इस संबंध को स्वीकार था.
उस पागल कहे जाने वाले व्यक्ति के पीठ फेरते ही डॉक्टर के हाथ
अपने आप ही प्रणाम की मुद्रा में बाबा के लिए जुड़ गए.
उपरोक्त जो कुछ मैंने शेयर किया है वो हमें बतलाता है कि…
हमसे भी अधिक दुखी… अधिक विपरीत परिस्थितियों में जीने वाले
ऐंसे भी लोग हैं…. हो सकता है.. इन्हें देख हमें हमारे दुख कम प्रतीत हों
और दुनिया को देखने का हमारा नजरिया
बदल जाये…!
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