Hindi Suvichar – Good Thoughts In Hindi – सुविचार –
आनंद की चाभी तो आपके ही पास है…!
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सुविचार
बुरा वक्त एक ऐसी तिजोरी है…!
जहां से सफलता के हथियार मिलते है.
किसी से बदला लेने का सोचने से ज्यादा अच्छा है कि…
खुद को बदल डालने का विचार करे.
यह महत्वपूर्ण नहीं कि…
दूसरे आपको गलत समझते हैं…
बल्कि यह है कि…
आप गलत भाव से कोई भी कर्म नहीं करते हैं.
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बदला लेने की आग दूसरों को कम…
और स्वयं को ज्यादा जलाती है.
बदला लेने की आग उस मशाल की तरह है…
जिसे दूसरों को मिटाने से पहले
स्वयं को मिटाना पड़ता है.
इसिलिये सहनशीलता के शीतल जल से
जितना जल्दी हो सके इस आग को
भड़कने से रोकना ही बुद्धिमानी है.
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बदले की भावना केवल आपके
समय को ही नष्ट नहीं करती…
बल्कि आपके स्वास्थ्य को भी नष्ट कर जाती है.
इसिलिये कोशिश जरूर करो मगर…
बदला लेने का नहीं
खुद को बदल डालने का.
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आनंद की चाभी तो आपके ही पास है…!
आनंद… सुख… ख़ुशी… एक ऐसा शब्द है… जिसे सुनते ही मन में सकारात्मक भाव (Positive Feelings )
आनी शुरू हो जाती हैं. जब जीवन में आनंद आता है तो… हर काम को करने में मन लगता है.
लेकिन… ये आनंद है क्या…? कई शताब्दीयो से लोग इस प्रश्न का का हल ढूढ़ने में लगे हैं, लेकिन
आज भी कोई एकमत नहीं हैं. कोई भी इसको परिभाषित नहीं कर सका. सबकी अलग अलग परिभाषा है…
यह एक बहस करने का विषय बन के रह गया है. अब सायंस भी इस बहस बहस में उतर चूका है.
सायंस ने भी आनंद को अपने हिसाब से तोलना शुरू कर दिया है.
हर समय अच्छा महसूस करना आनंद नहीं है.
हर समय अच्छा महसूस करना आनंद नहीं है…! और यह मुमकिन भी नहीं है. यद्यपि…
आनंद हमें छोटी-से-छोटी बात में भी मिल सकती है…!
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ज़िन्दगी जीने का एक तरीका होना चाहिए. जिंदगी जीने का ढंग आ जाए तो… आनंद ही आनंद हमारे
पास होंगा…
पास होंगा…
लेकिन हमने तो अपने के आनंद को अलग अलग श्रेणी में बांट के रखा है. इसलिए खोएं हुए आनंद को अपने
जिन्दगी में फिर से लाने के लिए हमें इसे खुद ही तलाश करना पड़ेगा.
भौतिक वस्तुए आनंद का आधार नहीं…!
आज ख़ुशी के अर्थ बदल गए हैं…! लोग बहुत सारा पैसा कमाना और अधिक से अधिक सुख-सुविधा के
साधन जुटाने को ही आनंद समझते हैं, लेकिन वास्तविकता यह है की भौतिक चीज़े थोड़े समय के लिए
ही आनंद दे सकती है.
साधन जुटाने को ही आनंद समझते हैं, लेकिन वास्तविकता यह है की भौतिक चीज़े थोड़े समय के लिए
ही आनंद दे सकती है.
इसका मतलब यह कतई नहीं है कि सुख – सुविधाएं ज़िन्दगी में होनी ही नहीं चाहिए. लेकिन ये ज़रूरी
है कि… इन पर पूरी तरह निर्भर नहीं होनी चाहिए कि…. यही हमारे सुख दुख के साधन और कारण
बन जाए.
है कि… इन पर पूरी तरह निर्भर नहीं होनी चाहिए कि…. यही हमारे सुख दुख के साधन और कारण
बन जाए.
हां, इसके विपरीत अगर आप अपने परिवार के साथ कुछ दिन बाहर घूमने जाते हैं तो…
आपको ज़रूर अंदरूनी आनंद मिल सकता हैं.
आपको ज़रूर अंदरूनी आनंद मिल सकता हैं.
Hindi Suvichar – Good Thoughts In Hindi – सुविचार – आनंद की चाभी तो आपके ही पास है…!
फिर क्या है आनंद…?
जब आप अपने कार्य और व्यक्तिगत जीवन में समाधानी होते है तो… दिनचर्या में भी अच्छा महसूस होता है…!
वैसे तो व्यक्तिगत जीवन और दिनचर्या में हमेशा संतुष्ट होना थोड़ा मुश्किल है…! और इसी कारण से हमारे
मानसिक स्थिती में भी बदलाव आता रहता है. लेकिन जिस तरह हमारे वज़न को नियंत्रण करना हमारे
हाथ में होता है…! ठीक वैसी ही बात आनंद पर भी लागू होती है.
आनंद में कैसे रहे…?
ज़िंदगी में ज़्यादातर योजनाये… जैसे शादी करना… तारीफ मिलना… नौकरी में पदोन्नति मिलना,
ऐसी चीज़ें कुछ समय के लिए आनंद ज़रूर देती है…! लेकिन वक़्त के साथ ये फीकी पड़ने
लगती हैं.
ऐसी चीज़ें कुछ समय के लिए आनंद ज़रूर देती है…! लेकिन वक़्त के साथ ये फीकी पड़ने
लगती हैं.
अगर अपने आपको हमेशा आनंद में रखना है, तो… लोगों के प्रति आभार व्यक्त करना सीखें.
ये आपको आंतरिक आनंद देगा.