Jai Bholenath |
भगवान शंकर रूद्र रूप और उनके ग्यारह नाम
श्रावन के महीने में भोलेनाथ की पूजा की जाती है… श्रावन का
महिना महादेव का ही होता है.
इस महीने में महादेव… भोलेनाथ की विशेष पूजा की जाती है.
महादेव के भक्तो के लिए ये महिना और इस महीने में आनेवाले
सोमवार का बड़ा विशेष महत्व होता है…!
इस श्रावन के महीने में आज मैं आपको भोलेनाथ के ग्यारह नाम
और उनके अर्थ के बारे में बता रहा हूँ.
महादेव का एक रूप रूद्र भी है… रूद्र का अर्थ होता है – रुत…
मतलब दु:खों को नाश करने वाला…! इसीलिए महादेव…
भोलेनाथ को दु:खों का अंत करनेवाले
भगवान् के रूप में मानते है और पूजते भी है.
Jai Bholenath |
भगवान शंकर रूद्र रूप और उनके ग्यारह नाम
शास्त्रों में कहा गया है की मनुष्य के जीवन में दुःख तभी आता है
जब मनुष्य तन से… मन से… या फिर कर्म से… किसी ना किसी
तरह अपवित्र होता है.
महादेव के रुद्र रूप की आराधना का महत्व यही है कि इससे व्यक्ति
का चित्त पवित्र रहता है और वह ऐसे कर्म और विचारों से दूर होता है.
जो मन में बुरे भाव पैदा करे.
शास्त्रों के मुताबिक भोलेनाथ अलग-अलग ग्यारह रुद्र रूपों में
दु:खों का नाश करते हैं.
महादेव के ये ग्यारह रूप एकादश रुद्र के नाम से भी जाने जाते हैं.
1) शम्भू :-
शास्त्रों के अनुसार महादेव का यह रुद्र रूप साक्षात ब्रह्म है…
इस रूप में ही भोलेनाथ जगत की रचना, पालन और संहार करते हैं.
2) पिनाकी :-
ज्ञान शक्ति रुपी चारों वेदों के स्वरुप माने जाने वाले पिनाकी रुद्र
दु:खों का अंत करते हैं.
3) गिरीश :-
कैलाशवासी होने से रुद्र का तीसरा रुप गिरीश कहलाता है.
इस रुप में रुद्र सुख और आनंद देने वाले माने गए हैं.
4) स्थाणु :-
समाधि, तप और आत्मलीन होने से रुद्र का चौथा अवतार स्थाणु
कहलाता है. इस रुप में पार्वती रूप शक्ति बाएं भाग में विराजित
होती है.
5) भर्ग :-
भगवान रुद्र का यह रुप बहुत तेजोमयी है…
इस रुप में रुद्र हर भय और पीड़ा का नाश करने वाले होते हैं.
जय भोलेनाथ, भगवान शंकर रूद्र रूप
और उनके ग्यारह नाम | महादेव
6) भव :-
रुद्र का भव रुप ज्ञान बल, योग बल और भगवत प्रेम के रुप में
सुख देने वाला माना जाता है.
7) सदाशिव :-
रुद्र का यह स्वरुप निराकार ब्रह्म का साकार रूप माना जाता है.
जो सभी वैभव… सुख और आनंद देने वाला माना जाता है.
8) शिव :-
यह रुद्र रूप अंतहीन सुख देने वाला यानि कल्याण करने वाला
माना जाता है. मोक्ष प्राप्ति के लिए शिव आराधना महत्वपूर्ण
मानी जाती है.
9) हर :-
इस रुप में नाग धारण करने वाले रुद्र शारीरिक, मानसिक और
सांसारिक दु:खों को हर लेते हैं. नाग रूपी काल पर इन का
नियंत्रण होता है.
10 ) शर्व :-
काल को भी काबू में रखने वाला यह रुद्र रूप शर्व कहलाता है.
11) कपाली :-
कपाल रखने के कारण रुद्र का यह रूप कपाली कहलाता है.
इस रुप में ही दक्ष का दंभ नष्ट किया था. किंतु प्राणीमात्र के
लिए रुद्र का यही रूप समस्त सुख देने वाला माना जाता है.
भोलेनाथ को किसी भी रूप मे पूजना कल्याणकारी ही है.
जय भोलेनाथ, भगवान शंकर रूद्र रूप
और उनके ग्यारह नाम | महादेव
ॐ नमः शिवाय…!
आज का दिन आप सभी के लिये शुभ हो…!
!! ॐ नमः शिवाय !!
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