Mere Prabhu | Hindi Quotes | सुंदर प्रार्थना | ओ मेरे प्रभु

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O Mere Prabhu ( Hindi Quotes ) सुविचार - good thoughts in hindi - vb
O Mere Prabhu ( Hindi Quotes ) सुविचार - good thoughts in hindi

Mere Prabhu | Hindi Quotes
सुंदर प्रार्थना | ओ मेरे प्रभु

हे प्रभु आपसे विनती है…
मुझे शांति इतनी ही देना प्रभु
जितने से मेरी जिंदगी चल जाए.  
                               
मेरी औकात बस… इतनी रहे प्रभु 
कि दूसरों का भला हो जाए.
मेरे रिश्तो में गहराई इतनी ही हो प्रभु 
कि सब प्यार से निभ जाए.
मेरी आँखों में शर्म इतनी देना प्रभु 
कि बुजुर्गों का मान रख पाए.

मेरी साँसे पिंजर में इतनी हों प्रभु 
कि बस कुछ अच्छे काम हो जाए.

मेरी बाकी उम्र ले लेना प्रभु 
कि औरों पर बोझ  बन जाएँ.

Mere Prabhu | Hindi Quotes
सुंदर प्रार्थना | ओ मेरे प्रभु

जीवन में किसी को रुलाकर 
अगर हवन भी करवाओगे तो…                                                               कोई फायदा नहीं.
और रोज किसी 
एक आदमी को भी 
अगर हँसा दिया तो…
 मेरे मित्र फिर आपको 
अगरबत्ती भी जलाने की 
जरुरत नहीं.
हमारे कर्म ही हमारा असली भाग्य है
दोष केवल अंधेरे का नहीं होता.
कभी कभी ज्यादा रोशनी भी… 
मनुष्य अंधा बना देती है.
ऊपर वाले से 
अगर आपका रिश्ता मज़बूत है तो… 
नीचें वाले आप का 
कुछ भी नही बिगाड़ सकते.
अपने चेहरे की हंसी से 
सारे गमों को भुला दो…
कम बोलो पर सब कुछ बता दो…
ख़ुद कभी मत रूठो 
पर सबको हंसा दो
बस… यही राज है जिन्दगी का
खुद भी जियो 
और दूसरों को भी जीना सिखा दो.
हो सके तो कुछ मुस्कुराहट 
और आनंद के पल बांटिए…
रिश्तों में कुछ सरसराहट 
और अपनापन बाँटिए…
नीरस सी हो गई है… 
आज ज़िन्दगी की बहुत…
मेरे मित्र इसमें थोड़ी सी 
शरारत बाँटिए.
सभी बस… 
यूँ ही भाग रहे हैं 
आज इन परछाइयों के पीछे…
अब शांति की कोई तो प्रार्थना बाँटिए.

ज़िन्दगी यु ही ना बीत जाए 
अपनों से शिकायत करने में
बेचैनियों बहुत है जीवन में… 
कुछ तो राहत बाँटिए.
सिर्फ शब्दों से ही ना करना…
किसी के अस्तित्व की पहचान
हर कोई इंसान उतना नहीं कह पाता…
जितना वो इंसान समझता है 
और महसूस करता है.

Hindi Quotes – हिंदी सुविचार – Good Thoughts In Hindi

 जब इंसान पीतल के बर्तन का उपयोग करता था तब…
इंसान से इंसान का रिश्ता भी पीतल के जैसा ही रहता था.
हर साल उन्हें चमकाकर सोने के जैसे करता था.
फिर स्टील आया… भाग टूट होती थीं पर चमक नही आती थी.
फिर भी खीचते थे. इसी तरह रिश्ते भी चलाये जाते थे.
फिर कांच आया… कब टूट जाए मालूम ही नही…
इसी प्रकार रिश्ते भी कभी भी टूट जाते थे…
अभी पेपर और थर्मोकोल जमाना आया है…
पेपर और थर्मोकोल को वापरो और फेक दो.
रिश्तो का भी ऐसा ही हो गया है…. 
जब तक जरूरत है…
तभी तक रखो और भूल जाओ.
चार दिनों का है जीवन… 
हंसी खुशी में काट लो. 
किसी का दिल मत दुखाओ… 
सभी के दर्द को बाँट लो
साथ कुछ भी नहीं जाएगा… 
सिर्फ एक नेकी के सिवा…. 
करेंगे भला तो होगा भला… 
गाँठ मन ये बांध लो…!

O Mere Prabhu –  ओ मेरे प्रभु – सुविचार – good thoughts in hindi

हे मेरे प्रभु                                                                                          हर पल का धन्यवाद
हर श्वास का धन्यवाद                                                            मेरा हाथ थामने का धन्यवाद
मेरे सिर पर हाथ रखने का धन्यवाद.                            हर दुख से बचाने का धन्यवाद
साथ साथ रहने का धन्यवाद.                                     
अपना बनाने का धन्यवाद
आपकी हर एक कृपा दुष्टि का धन्यवाद.                            मेरी अंतिम श्वास तक नतमस्तक रहूंगा प्रभु…                                                 क्योंकि आपके धन्यवाद  के लिए 
काफी नहीं है ये जिंदगी.
हमारे चरित्र की रचना हमारे 
संस्कारों के अनुसार होती है…                                      और हमारे संस्कारों की रचना 
हमारे विचारों के अनुसार होती है.
आप देखना… 
लोग आपको बताएँगे की 
तुम्हारी तो बहुत निन्दा हो रही है…
आप एक ही जवाब देना…
मित्र… 
निन्दा तो उसी की होती है जो जिन्दा है…
तारीफ तो अक्सर मरे हुये की ही होती है….
बस… आप अपने विश्वास में जीयो.
जिसमें सब्र है… वही तो शबरी है…..! 
और जो शबरी हो गया… 
उसे भगवान तक नहीं जाना पड़ता…
बल्कि… स्वयं प्रभु उसके दरवाजे पर 
 जाया करते हैं.
दूसरों पर 
पीएचडी करने से बेहतर है की 
हम खुद ही ग्रैजुएट हो जाएं.
फूल खिला दो  शाखाओ पर… 
पेड़ों को फल लगा दो प्रभु.
इस धरती की जितनी प्यास है… 
उतना तो पानी बरसा दो प्रभु.
समय  बड़ा कष्टदायक है…
पापी है संसार में बहुत…
निर्धन को धनवान बना दो… 
दुर्बल को बल दो प्रभु.
ठिठुरन ठिठुरन ठंडी है यहाँ.. 
कपकपा रहा पूरा गाँव है…
दिन में तपता हुवा सूरज दो… 
रात को कम्बल दे दो प्रभु.
बैलों को एक गठरी घास… 
और इंसानों को दो रोटी दे दो प्रभु.
खेतों को भर दो चावल गेहूं से… 
कांधों को बल दे दो प्रभु.
यहाँ सभी के हाथ काले हैं… 
और नजरें सबकी पीली हैं…
सीना ढक जाए दुपट्टे से… 
और सर को आँचल दे दो प्रभु.
विनती मेरी सुनो…. 
और प्रार्थना मेरी स्वीकार करो प्रभु.

 सुंदर विचार – Good thoughts in hindi – Suvichar 

इस दुनिया में हर एक इंसान अद्वितीय और विशेष है. 
पूरी दुनिया में कोई भी दो इंसान के हाथों के निशान भी 
एक समान नहीं होते. 
आस पास रहने पर भी 
दो तालाबों के पानी का स्वाद भी 
एक जैसा नहीं होता.
दो संस्कृतियों के रीति-रिवाज भी 
एक जैसे नहीं होते. 
दो व्यक्तियों का शब्द उच्चारण… 
बोलने का तरीका… 
सोचने समझने की शक्ति… और 
विचारधारा भी एक जैसी नहीं रहती. 
 
इस सच्चाई हम सब जानते हैसमझते है. 
तो फिर हमअपने से भिन्न विचार… संस्कार… 
सोच वालों के प्रति भी हम ज्यादा सहनशील… 
सहानुभूतिपूर्ण…. समानुभूतिपूर्ण होते हैं. 
तभी यह दुनिया हमें अलग  अलग  रूप… रंग… 
सुगन्ध से भरे हुए बगीचे के समान 
मन-मोहक लगने लगती है.
 
ये सारी दुनिया के सभी प्राणी हमारे हितचिंतक
हमारे मित्र बन जाये यह शायद 
मुमकिन नहीं हैलेकिन… 
कोई हमारा विरोधीशत्रु ना बनें
यह कोशिश तो की जा सकती है.

हमारे मुह से निकले हुवे शब्द 
किसी की प्रसंसा  करे तो कोई बात नहीं
लेकीन हमारे मुह से किसी की निंदा ना हो
यह तो हम कर ही सकते है.

हम किसी को अपनी रोटी में से रोटी 
निकालकर खिला नहीं सकते… 
कोई बात नहीं
लेकिन किसी की रोटी छिनकर 
खानेवाले तो नहीं बन सकते.

अगर हम कोई भी पुण्य वाले काम 
नहीं किये तो कोई बात नहीं
लेकीन पाप वाले कामो से तो 
दूर रही सकते है.  
      
हम हरदम सत्य नहीं बोल सकते 
तो कोई बात नहीं
लेकीन असत्य ना बोलने का 
संकल्प तो ले ही सकते है.
विकार से विचार और 
विकास की यात्रा पर चलने वाला ही 
सत्य की अनुभूति कर 
सकता है. 
आप स्वयं विचार करें.​
 

 O Mere Prabhu ( Hindi Quotes ) सुविचार – ओ मेरे प्रभु – 

Good Thoughts In Hindi 

मुझसे मित्र नहीं बदले जाते…
चाहे कितनी दूरी होने पर
अक्सर लोग तो भगवान को ही 
बदल डालते है..
एक मनोरथ पूरा ना होने पर…!
मैने कहा प्रभु से…
क्या लाजवाब मित्र मिले है मुझे…
क्या सुंदर किस्मत मैंने पाई है…
हंसकर कहा मुझे प्रभु ने…
अच्छे से संभाल के रखना इन्हें
मेरी अपनी पसंद है ये जो… 
हिस्से में तेरे आई है…
खुशियां उगती नहीं खेत में,
मिले  हाट बाजार….! 
अपने अंदर ही ढूंढ लो 
भरा हुवा है… अतुल भंडार.

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