Hindi Story – कोई इंसान बुरा होता ही नहीं
आधी रात का समय और काफी तेज ठंड थी, एक घर में चोर चोरी करने के इरादे से अंदर आये.
अंदर आते ही चोरो ने उस घर के चारो और नजर घुमाई… घर में कुछ भी नहीं था.
पूरा का पूरा घर खाली था.
घर के अंदर सिर्फ एक गरम शाल थी, वो भी उस घर का मालिक ओढ़ के सोया था,
चोरो की आहट से भला आदमी जाग गया.
सुंदर विचार
तेज ठंड…! वो आदमी रोने लगा, घर में चोर आये है और मेरे घर में चोरी करने जैसा
कुछ भी नहीं है, इस दर्द से रोने लगा. उसको रोता देख चोरों ने पूछा कि बाबा क्यों रोते हो…?
बाबा बोले कि आप लोग आए है…
जीवन में पहली बार, यह सौभाग्य तुमने मुझे दिया है, मुझ जैसे गरीब को भी यह मौका
तुमने दिया है.
चोर झोंपड़ी में चोरी करने नहीं जाते, बड़े बड़े घरो में अमीरो के यहां चोरी करने जाते है…!
तुम मेरी झोंपड़ी में चोरी करने क्या आए… तुमने मेरे घर को बंगला और मुझे बड़ा
आदमी बना दिया. मेरा ऐसा सौभाग्य…! लेकिन फिर मेरी आंखें आंसुओ से भर गई हैं…
मुझे रोना आ रहा है… क्योंकि मेरे घर में कुछ भी नहीं है…! पूरा घर खाली है.
तुम लोग थोडा चार दिन पहले बता देते तो मै कुछ व्यवस्था करके रखता.
मुझे चार दिन का समय मिल जाता.तो, कुछ ना कुछ मांग सांग कर जमा कर लेता.
अभी तो मेरे पास सिर्फ ये शाल है, ये लेलो, चोर एकदम से डर गए,
बाबा बोला देखो मना मत करना, तुम्हारे मना करने से मुझे बहोत दुःख होगा की
मै तुम्हे कुछ न दे सका, चोरों के समझ में कुछ भी नहीं आ रहा था, उनके जीवन में
पहली बार उनका ऐसे आदमी से पला पड़ा था, चोरी करते करते जिंदगी बित गयी
लेकिन ऐसे इंसान से पहली बार मिले थे,

भीड़ तो बहुत है… इंसान कहां…?
चेहरे है इंसान के.. इंसान कहां…?
सुंदर विचार
जीवन में पहली बार चोरो की आंखों में शर्म आई… और सभी चोर उस बाबा के सामने
नतमस्तक हो गए. सभी असमंजस में थे, क्या करे… ! क्या ना करे….!
आखिर शाल ले ही लिया, और उस बाबा को क्या दुःख देना…
शाल भी बड़ा मन कर के ही लिया, बाबा के पास एक ही शाल था, वो ही शाल ओढ़ता
और वो ही बिछाता, बाबा भी उनकी असमंजस को भाप गया और कहने लगा.
तुम लोग मेरी चिंता न करो, मुझे आदत है, इतनी सर्दी में कौन बाहर निकलता है भाई,
तुम चुपचाप ये शाल ले जाओ, हां.. दुबारा जब भी आओ मुझे जानकारी देकर ही आओ,
चोर जल्दी से झोपडी के बहार निकल गए, तभी बाबा की कड़क आवाज सुनाई दी..
दरवाजा बंद कर दो और मुझे धन्यवाद कहो, चोर भी सोच में पड गए, चोरों ने जैसे तैसे
धन्यवाद बोला और भागे वहां से.
बाबा खिड़की पर खड़े होकर भागते हुए चोरों को जब तक दिख रहे थे तब तक देखता रहा.
सुंदर विचार
कोई इंसान नहीं है भगवान की तरह…
लेकिन सभी इंसान के अंदर जो धड़क रहा है….
जो प्राणों का मंदिर बनाए हुए विराजमान है….
जो श्वासें ले रहा है…. वही तो भगवान है.
कुछ दिनों बाद वो सभी चोर पकड़े गए…. अदालत में मुकदमा चला, वह शाल भी पकडी गयी…
और वह शाल सभी की पहचान की थी, उस बाबा को सभी जानते थे, हमेशा वोही शाल ओढ़े रहते थे,
न्यायाधीश भी पहचान गए की यह शाल उस घूमनेवाले बाबा की है,
न्यायाधीश बोले – तो तुमने उस घूमनेवाले बाबा के यहां से भी चोरी की है…? बाबा को बुलाया गया
और न्यायाधीश ने सख्त शब्दों में कहा की अगर बाबा ने ये शाल मेरा है यह कह दिया तो आगे किसी भी
सबूत की जरूरत नहीं पड़ेगी, मै उसी वक़्त नियम से जितनी कड़क सजा दे सकता हु उतनी जरूर दूंगा,
वह बाबा बहोत ही भले है और सच्चे है, उनकी गवाही इस मुक़दमे की अंतिम गवाही मानी जाएगी.
चोरों का तो गला ही सुख गया…. घबराहट से काँप रहे थे…..
बाबा अदालत में आए…. उनसे शाल और चोरों के बारे में पूछा गया…. कुछ देर तो शांत रहे,
फिर अपनी गवाही देनी सुरु की…
बाबा ने न्यायाधीस से कहा – ये शाल मेरी ही है लेकिन…. मैंने इन्हें ये भेट दी है, और इसके लिए इन्होने
मुझे धन्यवाद भी किया है, मै इन्हें जानता हु ये चोर नहीं है, बड़े ही भले लोग है, मेरे शाल देने पर मेरा
धन्यवाद तो किया ही लेकिन जब ये लोग मेरी झोपडी से बाहर गए तो, दरवाजा भी बंद कर के गए थे,
ये बहोत अच्छे और भले है, इन्हें मत सताओ.
Good Thoughts Hindi On Life [ सुंदर विचार ]
बाबा के गवाही पे न्यायाधीश ने चोरों को तो छोड़ दिया, लेकिन सभी चोरों ने बाबा के पैर पकड़ लिए….
रोने लगे…. और बाबा को कहा हमें अपना शिष्य बनाओ… हमें दीक्षित करो…. हमारा उद्धार करो.
बाबा जोर जोर से हंसने लगे और कहा, तुम मेरे शिष्य बन सको इसिलिये तो शाल भेंट की थी,
इस शाल को संभालना तुम्हारे बस का नहीं ये मै अच्छे से जानता था, क्योंकि ये शाल मैंने प्रार्थनाओ
से बुना है, इसी शाल से घंटो ध्यान लगाकर समाधी लगाई है, इस शालमें रंग मेरी समाधी
का है.
मुझे पूरा विश्वास था की… शाल तुम्हे मेरे पास ले ही आएगा..
उस दिन चोर बनकर आये, आज शिष्य बनकर आये हो… स्वागत है तुम्हारा….
क्योंकि…
कोई इंसान बुरा होता ही नहीं…..
इंसान के अंदर छुपी हुई बुराई ही बुरी होती है…
बस…. इसी बुराई को बाहर निकालकर फेंकना है….!
सुंदर विचार – Good Thoughts in Hindi On Life
जीवन में कभी निराश नहीं होना चाहिये,
क्योंकि जहाँ दुखों की भीड़ ठहरी होती है…
वही थोड़ी दुरी पर खुशियाँ भी मौजूद होती है.
अगर हम थोड़ा सब्र और थोड़ी सुझ भुज रखेंगे
और किसी भी परिस्तिथि में डरे नहीं…!
बाकी शख्सियत कपड़ों की नहीं…
बल्कि खुद के विचारों की बनाओ.
ये दुनिया आपको लाइक ही नहीं…
फॉलोभी करेगी.
जियो दिल से…!
सुंदर विचार
श्रद्धा जब इंसान के अंदर
अपनी जड़े मजबूत कर लेती हैं…
तो बुराई करना मुश्किल और
भलाई करना आसान हो जाता हैं…!
नाम और पतंग जितनी ऊंचाई पर होते हैं
काटने वालों की संख्या उतनी ही अधिक होती है.
Good Thoughts in Hindi
फल और फूल
पेड़ पर पत्तों से कम होते हैं
लेकिन वो पेड़ फिर भी
उन्हीं के नाम से जाना जाता है …!
उसी तरह…
हमारे पास अच्छी बातें
कितनी ही क्यूँ ना हों…
लेकिन पहचान
तो सिर्फ अच्छे कर्मों से ही होती है.
Hindi Suvichar [Sunder Vichar ]
जो दिखाई नहीँ देता है
वही बुनियाद होता है…!
फिर वह चाहे ईश्वर हो…
संस्कार हो या फिर विचार हो.
क्योंकि…
जिनकी गति और मती
अर्जुन की तरह है…!
उनका रथ तो आज भी
भगवान श्री कृष्ण ही चलाते हैं.
जय श्री कृष्ण
पेड़ पर फल और फूल
पत्तों से कम होते हैं. लेकिन
फिर भी वो पेड़… उन्हीं के
नाम से जाना जाता है…!
ठीक उसी तरह
हमारे पास अच्छी बातें
कितनी ही क्यूँ ना हों… परंतु
पहचान तो सिर्फ
अच्छे कर्मों से ही होती है.
अगर भूल से कभी आपको ये घमंड आ जाये की…
मेरे बिना तो यहाँ काम चल ही नहीं सकता…!
तब आप अपने घर की दीवारो पर टंगी
अपने पूर्वजो की तस्वीरो की तरफ देख लेना
और सोचना की क्या उनके जाने से
कोई काम रुका है…?
जवाब आपको स्वतः ही मिल जायेगा.
चौरासी लाख योनियो में
एक इंसान ही पैसा कमाता है…
अन्य कोई जीव कभी भूखा नहीं मरा
और इंसान जिसका कभी पेट नहीं भरा…!
जीवन का कड़वा सत्य
Hindi Suvichar [Sunder Vichar ]

इन्सान अपनी सैलरी के हिसाब से नहीं
अपनी जरूरतों के हिसाब से गरीब होता है…!
अपनी आलोचना को धैर्य से सुनें…
यह हमारी ज़िन्दगी की मैल हटाने में
साबुन का काम करती है…!
न मैं गिरा… और न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे…!
लेकिन लोग मुझे गिराने मे कई बार गिरे…!
सवाल जहर का नहीं था
वो तो मैं पी गया…
तकलीफ लोगों को तब हुई…
जब मैं फिर भी जी गया…!
लोगों का आदर केवल उनकी
सम्पत्ति के कारण नहीं करना चाहिये…
बल्कि… उनकी उदारता के कारण करना चाहिये.
हम सुरज की कद्र उसकी उँचाई के कारण नहीं करते
बल्कि उसकी उपयोगिता के कारण करते हैं.
इसीलिए व्यक्ति नहीं…व्यक्तित्व आदरणीय है.
संदेह… मुसीबत के पहाड़ों का
निर्माण करता हैं…!
और विश्वास पहाड़ों में से भी
रास्ते का निर्माण करता है…!
परमात्मा शब्द नही जो तुम्हे
किताब में मिलेगा…
परमात्मा मूर्ति नही जो तुम्हे
मंदिर में मिलेगा…
परमात्मा इंसान नही जो तुम्हे
समाज में मिलेगा…
परमात्मा तुम स्वंय हो जो तुम्हे…
अपने भीतर मिलेगा…!
चालाकियो से कुछ देर के लिए
मोहित किया जा सकता है…!
दिल जितने के लिए तो
सहज और सरल होना जरूरी है.
Hindi Suvichar [Sunder Vichar ]
परमात्मासे कुछ मांगो मत सिर्फ उन्हे याद करो
जब आपको गर्मी होती है तो आप पंखे से हवा नही मांगते…
आप उसके सामने बैठ जाते है और हवा अपने आप आपको
मिल जाती है…! उसी प्रकार परमात्मा के सामने बैठकर
उसे हम दिलसे याद करे तो परमात्मा की सारी शक्तिया
आपको स्वतः मिल जायेंगी आपको मांगने की जरुरत नहीं पडेगी.
Sunder Vichar | Suvichar
समय और जिन्दगी
दुनिया के सर्वश्रेष्ठ अध्यापक हैं
जिन्दगी… समय का सदुपयोग सिखाती है
और..समय हमें जिन्दगी की कीमत सिखाता है.
सुख का ताला केवल और केवल
संतुष्टि की चाबी से खुलता है.
जब तकलीफ़ हो जीने में…
तो श्री कृष्ण को बसा लो सीने में.
दुनिया को छोडो पहले उसे खुश रखो
जिसे आप हमेशा आईने में देखते हो.
दो तथ्य हमारे व्यक्तित्व को
परिभाषित करते हैं…!
एक – हमारा धीरज
जब हमारे पास कुछ ना हो…!
दूसरा – हमारा व्यवहार…
जब हमारे पास सब कुछ हो…!
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