Good Thoughts In Hindi | अब लौट चले | विचार थोड़ा हटके है

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Good Thoughts In Hindi | अब लौट चले | विचार थोड़ा हटके है

Good Thoughts In Hindi |
अब लौट चले | विचार थोड़ा हटके है

अगर आप ने अपने जीवन के पचास वर्ष पार कर लिए है..
तो अब लौटने के तैयारी की सुरुवात कर दे…
इससे पहले की देर हो जाये…
इससे पहले की सब किया धरा बेकार हो जाये…!

क्यों लौटना है…?
कहाँ लौटना है…?
कैसे लौटना है…?
इसे जानने… समझने… और लौटने का निर्णय लेने के लिए
मेरे पढने में आयी हुई टॉलस्टाय की मशहूर कहानी आपके साथ
मै साझा करता हूँ..

लौटना कभी भी आसान नहीं होता…!

राजा के पास एक व्यक्ति इसीलिए गया कि वो बहुत गरीब था.
उसके पास कुछ भी नहीं है… उसे मदद चाहिए…

राजा काफी दयालु स्वभाव था… उसने पूछा कि आपको क्या मदद चाहिए…?
उस व्यक्ति ने कहा… थोड़ी सी जमीन का टुकड़ा चाहिए.

राजा ने उस व्यक्ति से कहा की… ऐसा करो, कल तुम सुबह जब सूरज
निकलता होता है.. उसी समय पर यहां आना होगा… और यहाँ की
ज़मीन पर तुमको दौड़ना होगा… तुम जितनी दूर तक दौड़ पाओगे
वो सारी जमीन तुम्हारी हो जाएगी. लेकिन शर्त यह है की
जहाँ से तुमने दौड़ना सुरु कीया हैं… वहीं सूर्यास्त के पहले लौटना है…
नहीं लौटे तो तुम्हे कुछ भी नहीं मिलेगा.
वो व्यक्ति बहुत खुश हुवा…

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अब लौट चले | विचार थोड़ा हटके है

दुसरे दिन सुबह हुई और सूर्योदय के साथ उस व्यक्ति ने दौड़ना सुरु किया…
वह व्यक्ति दौड़ता ही रहा… दौड़ता ही रहा… आधा दिन निकल गया…
सूरज भी उसके सिर पर आया गया था… परंतु…
उस व्यक्ति का दौड़ना रुका नहीं था… वो हांफ रहा था…
लेकिन रुका नहीं था… थोड़ा और… एक ही बार की तो मेहनत है…
फिर पूरा जीवन आराम ही आराम…

सूरज ढलने लगा… शाम हो रही थी… व्यक्ति को याद आया की…
लौटना भी तो है… अगर नहीं लौटे… तो फिर कुछ भी नहीं मिलेगा…
उसने देखा की… वो तो काफी दूर तक आ गया हैं…
अब उसे लौटना भी था… लेकिन लौटता कैसे…?

सूरज राजा पश्चिम की ओर मुड़ चुके थे… उस व्यक्ति ने अपना
पूरा दम लगाया… वो लौट सकता था… लेकिन समय तेजी से बीत
रहा था… थोडा और जोर लगाना होगा…. वो पूरी ताकत लगाकर
दौड़ने लगा…

लेकिन अब उससे दौड़ा नहीं जा रहा था… वो थक कर गिर गया…
वहीं उसके दम तोड़ दिया… उसके प्राण निकल गए थे…!
यह सब राजा देख रहा था…

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अपने सहयोगियों के साथ राजा वहां गया… जहां वो व्यक्ति ज़मीन पर
गिरा हुवा था… राजा ने व्यक्ति को गौर से देखा… और बस…
इतना ही कहा की… इस व्यक्ति केवल दो गज़ ज़मीं की ही
आवश्यकता थी… बेकार में ही ये इतना दौड़ रहा था…!
उस व्यक्ति को लौटना था… लेकिन नहीं लौट पाया…

वो वहां लौट गया… जहां से कोई भी लौट कर नहीं आता…
अब थोडा उस व्यक्ति की जगह पर अपने आपको रख कर

कल्पना करें की…. कही हम भी तो वही भारी भूल नही कर रहे है…
जो उस व्यक्ति ने की. हमें अपनी इच्छाओं के किनारे का पता ही
नहीं होता…

हमारी आवश्यकताए तो मर्यादीत ही होती हैं…
लेकिन इच्छाये असीम होती है…! हम अपने
इच्छाओं के माया में लौटने की तैयारी ही नहीं करते…

और जब तैयारी करते हैं तब बहुत देर हो चुकी होती है…
फिर हमारे पास कुछ भी नहीं बचता…
इसीलिए आज आप अपनी डायरी पैन उठाये…

कुछ प्रश्न और उनके उत्तर अनिवार्य रूप से लिखें…
साथ में उनके जवाब भी लिखें…

मैं इस जीवन की दौड़ में शामिल हुवा था…
आज तक कहाँ पहुँचा हूँ…?

आखिर मुझे जाना कहाँ है… और कब तक पहुँचना है…?
अगर इसी तरह दौड़ता रहा… तो कहाँ एवं कब तक
पहुँच पाऊंगा…?

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मित्रों…

भले ही आप इस पोस्ट को लाइक ना करे, कॉमेंट ना करें…
आगे शेयर भी ना करें… कोई बात नहीं… लेकिन…
मेरी आपसे एक नम्र विनती है की…
इन प्रश्नों के जवाब लिखित में अवश्य नोट कर ले.
बस्स…. यही मेरी पोस्ट की सार्थकता होगी की…
एक दिशा हम सबके जीवन को मिल जाये…

लौटने की हम तैयारी कर पाए.
हम भी सभी ऐसे ही दौड़ रहे हैं…
ये समझे बिना कि…

सूरज तो समय पर लौट जाता है…
लौटना तो अभिमन्यु भी नहीं जानता था…

हम सब भी अभिमन्यु ही हैं.. लौटना तो हम भी नहीं जानते…
ये भी एक सच्चाई है कि… जो लौटना जानते हैं…
वही जीना भी जानते हैं…

लेकिन लौटना भी इतना आसान नहीं होता…!
टॉलस्टाय की कहानी का वो पात्र, काश…
समय रहते लौट आता…!

मै भगवान से प्रार्थना करता हूँ कि… हम सब लौट पाए..!

लौटने का विवेक… सामर्थ्य… और निर्णय… हम सबको मिले….
सबका मंगल होय…!

Good Thoughts Hindi ( Quotes ) हिंदी सुविचार 

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